Zindagi se pareshan shayari in hindi – आज मैं आपके साथ इस आर्टिकल में ज़िन्दगी से परेशांन होने पर शायरी शेयर करूँगा आशा करता हूँ करता हूँ आपको आज का आर्टिकल पसंद आएगा तो चलिए ज्यादा विलंभ न करते हुए करते है आज का आर्टिकल Zindagi se pareshan shayari in hindi – ज़िन्दगी से परेशांन शायरी हिंदी में article शुरू करते है
So let’s begin,
Zindagi se pareshan shayari in hindi – ज़िन्दगी से परेशांन शायरी हिंदी में !
Contents

परेशानियां है परेशानियों के हल कहाँ है,
जो कल सब कहते थे साथ देंगे आज वो सब कहाँ है..!
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जिनके पेड़ पर फल अच्छे नहो होते
वो दूसरों को ही अपनी परेशानी की जड़ बताते हैं..!
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हर सुबह हर शाम किया है,
ज़िंदगी तूने मुझे परेशान किया है..!
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तनहा परेशान पागल सा फिरता हूँ,
जो बरसता रहे आँखों में लिए एक बादल सा फिरता हूँ..!
ज़िन्दगी में किसी को ज़िन्दगी मत बनाना,
वरना ज़िन्दगी से तुम परेशान हो जाओगे..!
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कैसे गुज़ारा हो खुशियों का ये मालूम नहीं
मगर ज़ेहन में हर पल एक नयी परेशानी पल रही है..!
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परेशानियों पुरज़ोर लगी है हौंसले तोड़ने को,
मगर हौंसले तैयार ही नहीं हो रहे उड़ान रोकने को..!
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तुम क्या परेशान हो वजूद से मेरे,
मैं तो परेशान हूँ खुद से मेरे..!
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वक़्त ने फसाया है लेकिन मैं परेशान नहीं हूँ,
हालातों से हार जाऊं मैं वो इंसान नहीं हूँ..!
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अपनों की साजिशों से परेशान है ज़िन्दगी,
गैरों से पूछती है तरीक़ा निजात का..!
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परेशानियां भी परेशान हो उठी है
जब मैं बैठकर अपनी परेशानी सुनाता हूँ..!
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परेशानियां भी परेशान है मेरे परेशान होने से,
एक वही खुश है जिसकी वजह से परेशान हूँ मैं..!
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इतना परेशान ना था ज़िन्दगी से पहले,
जितना परेशान हुआ हूँ तुझे ज़िन्दगी बनाने के बाद..!
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परेशानियां लाख थी तो भी परेशान नहीं रहता था,
एक तू क्या गई मैं परेशान हो गया..!
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किसी और को क्या दुखी करूंगा मैं तो अपने दुःख से परेशान हूँ,
किसी और को क्या परेशान करूंगा मैं, मैं तो खुद से परेशान हूँ..!
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हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझ पर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये,
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..!
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मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो,
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की,
हवा चली और सब मुकर गये अब तो..!
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अपनी लगन से हर परेशानी को रास्ते से हटा दे,
तू यहाँ बस जीने नहीं जीतने आया है
ये सारी दुनिया को बता दे..!
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ऐ जिंदगी तेरी परेशानियों को
हरा कर फिर जीत जाऊंगा मैं
बुरे दौर को खत्म कर फिर अपनी
काबिलियत साबित कर जाऊंगा मैं..!
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माना कि हम पर तेरे अहसान बहुत हैं
मगर ए जिन्दगी तुझ से हम परेशान बहुत हैं,
कोई नहीं मिलता है जो बाँट ले दर्द मेरा
मतलब से मिलने वाले इन्सान बहुत हैं..!
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इतना भी क्या परेशान होना कल के लिए,
क्या पता कब साँसे टूट जाएँ और ये जग छूट जाएँ..!
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तुमने कहा था हर शाम हाल पूछोगे हमारा,
तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम नहीं होती..!
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बोलने वालों की बोलती बंद कर बेज़ुबान मत कर,
ऐ ज़िन्दगी अब इतना भी परेशान मत कर..!
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अपनी जिंदगी में वो बहुत परेशान होते हैं,
जिनके दिल में भी दिमाग होते हैं..!
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कभी पूरा कमरा तो कभी दिल का एक कोना परेशान करता है,
कभी तेरा ना होना और कभी खुद का होना मुझे परेशान करता है..!
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घूमा करते थे जो क़दम मोहोब्बत की गलियों में बड़े शान से,
आज बैठे है आँखों में आंसू लिए परेशान से..!
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परेशानियां को बिलकुल परे रख कर,
चल दौड़ इस ज़िन्दगी के अग्निपथ पर..!
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सुन सको तो सुनो क्या मेरा दिल कहता हैं,
हर वक़्त ये तुम्हारे लिए परेशान रहता हैं..!
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न बोलती हो और न शरारत करके हैरान करती हो,
आजकल बड़े अदब से तुम हमे परेशान करती हो..!
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परेशान होता भी और करता भी हूँ सबको,
मुझे ले क्यों नहीं जाता पूछता हूँ मैं रब को..!
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तेरे मेरे रिश्ते का आखिर कल क्या होगा,
ये जो परेशान हाल-ऐ-दिल है इसका हल क्या होगा..!
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मुस्कुराते हैं झूठा बहुत हम बहार बड़े शान से,
बस हम और हमारा दिल ही जानते हैं अंदर से हैं हम कितने परेशान से..!
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दिल में बसने वाले इक एहसान कर,
अब इस दिल को और न परेशान कर..!
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अपनी मेहनत से तू बना अपनी पहचान,
जिंदगी में तू होगा सबसे कम परेशान..!
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कितना लड़ूँ आख़िर मैं भी इक इंसान हूँ,
वक़्त थोड़ा बुरा है इसलिए परेशान हूँ..!
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अपनी परेशानियों को हमने बढ़ा ली हैं,
हमने जो अपनी आदतें बिगाड़ ली हैं..!
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कुछ लोग परेशान हैं तेरे-मेरे साथ से,
वैसे भी ये पूरा जमाना परेशान हैं किसी न किसी बात से..!
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खुदा रहम न करे तो हर कोई परेशान हो जाएँ,
जान ही ले ले अगर ये जिंदगी आसान हो जाएँ..!
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एक अँधेरा कमरा और उसमे बैठा वीरान मैं,
हो रही है बारिश बहुत लगता है आसमान भी परेशान है..!
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परेशान कर पूछते हैं परेशानी क्या है,
ना जाने ऐसे लोगो की कहानी क्या है..!
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जो तो हाल पूछ ले हाल-ऐ-दिल का,
हर मसला हल हो जाए हाल-ऐ-दिल का..!
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परेशानी की वजह पूछते हो सनम,
लगता है तुमने कभी आइना नहीं देखा..!
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वो ना मिली इस बात पर सुबह शाम रोकर,
परेशान हो गया हूँ परेशान होकर..!
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जो हर हाल में हर हाल पुछा करते थे,
आज कुछ पूछो उनसे तो परेशान हो जाते हैं..!
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सोचा नहीं था ज़िन्दगी में ऐसे भी फ़साने होंगे,
रोना भी आएगा और आंसू भी छुपाने होंगे..!
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परेशानियों का जब परवान चढ़ा,
कौन अपना कौन पराया पता पड़ा..!
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कुछ लोग को नही कहने नहीं आता,
यही आदत परेशानी का सैलाब है लाता..!
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जो अपनी क़ाबलियत से अनजान होता हैं,
वो इस दुनिया में बड़ा परेशान होता हैं..!
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इस दुनिया में खुश होना बड़ा ही आसान हैं,
यहाँ तो हर कोई दूसरों की ख़ुशी से परेशान हैं..!
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किस्सा सबकी जिन्दगी का बस इतना सा है कि
जिंदगी बनाने के चक्कर में जीना भूल गए हैं..!
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शोर शराब तो बस जिन्दगी का है,
मौत के बाद तो सब मौन होगा..!
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लिख सको तो लिख लो मेहनत से मुकद्दर अपना,
खाली पन्नों से भरी किताब है जिंदगी..!
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कभी मचलता था ये दिल और अब बहुत सुधर गया है,
जब से जिन्दगी से बुरा वक़्त गुजर गया है..!
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खामोश जिंदगी के कुछ ऐसे हालात हैं,
इंसानियत मर गयी और
इंसान जिंदा लाश हैं..!
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जिन्दगी से उलझने की अब औकात नहीं हमारी,
इसलिए अब हम अपने अल्फाजों से उलझते हैं..!
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दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर,
आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है..!
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एक ही बार में क्यों नहीं ख़त्म करती ये किस्सा ए जिन्दगी,
किश्तों में मिलता दर्द अब संभाला नहीं जाता..!
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तेरी यादों का दौर आज भी मुसलसल जारी है,
जिन्दगी गुजर रही है बस मौत की तैयारी है..!
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मंजिले उन्हीं को मिलती हैं
जिनकी रगों में जूनून होता है,
मुसीबतों से भरी जिन्दगी का
बस यही उसूल होता है..!
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जरूरतों की फिकर में आँखें जाग रही हैं,
बस इसी तरह हमारी जिन्दगी भाग रही है..!
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सुन सको तो सुनो जिन्दगी की सुरमयी सरगम को,
वरना जिन्दगी में रोने के बहाने बहुत हैं..!
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अगर मेरी जिन्दगी तेरे साए में गुजर जाए,
तो जिन्दगी ही क्या मेरी तो मौत भी संवर जाए..!
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कहाँ पूरी होती हैं यहाँ मुँह मांगी मुरादें कभी,
कुछ और नहीं बस भरोसे का नाम है जिन्दगी..!
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खुशियाँ कहाँ नसीब होती हैं सबको यहाँ
जिन्दगी तो बस एक मुफलिसी का दौर है साहब..!
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ग़मों से भरा है जिन्दगी का सफ़र
हर शख्स आगे बढ़ रहा है,
मौत ही है इसकी आखिरी मंजिल
सबका तजुर्बा यही कह रहा है..!
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कोई समय से परेशान कोई समाज से परेशान है,
कोई अपने कल से परेशान कोई अपने आज से परेशान है..!
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एक मैं हूँ जो उसे अपनी हर ख़ुशी में शामिल करता हूँ
और एक वो है जो मुझे बस अपनी परेशानी में याद करता है..!
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माना कि मुझ पर तेरे अहसान बहुत हैं
मगर ए जिन्दगी तुझसे हम परेशान बहुत हैं,
कोई नहीं मिलता है जो बाँट ले दर्द मेरा
मतलब से मिलने वाले इन्सान बहुत हैं..!
Conclusion
मैं उमीद करता हूँ आपको आज का आर्टिकल Zindagi se pareshan shayari in hindi – ज़िन्दगी से परेशांन शायरी हिंदी में आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको आज का आर्टिकल पसंद आया तो इस आर्टिकल को अपने सभी सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले और अगर आप फ्यूचर में भी ऐसे ही आर्टिकल पढना चाहते है तो आप हमें Instagram पर भी फॉलो कर सकते है हम मिलेंगे एक नए आर्टिकल के साथ जब तक के लिए आप ब्लॉग पर पब्लिश अन्य शायरी आर्टिकल पढ़े इस आर्टिकल को अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया !
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