Baat nahi karne ki shayari – आज हम आपके साथ इस आर्टिकल में “बात” शब्द पर शायरी, स्टेटस, और बेहतरीन कोट्स शेयर करेंगे यदि आप अपने किसी करीबी के लिए Baat nahi karne ki shayari आर्टिकल खोज रहे है तो आप बिलकुल सही जगह पर पहुच गये है क्युकी आज के आर्टिकल में आपको बात नही करने पर बहुत ही उम्दा उम्दा शायरी, कोट्स और स्टेटस पढने को मिल जायेगे
कहने को तो बात एक छोटा सा शब्द है लेकिन इस छोटे से शब्द बात की हम सब के जीवन में एक बहुत ही अहम् भूमिका होती है हम सब इंसान एक दुसरे को बातों के जरिये ही समझते है इनमें से कई बातें हमें बहुत ख़ुशी पहुचातें है और कभी कभी किसी की बातें बुरी भी लग जाती है ऐसे में एक दुसरे से बातें करना ही छोड़ देते है और इसका परिणाम यह होता है हम एक दुसरे से यानि अपने किसी करीबी से दूर होने लगते है जिसके फलस्वरूप हमारे रिश्तों में दूरियां आने लगती है जोकि हमारे और हमसे जुड़े लोगों के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है
इसी चीज को ध्यान में रखते हुए आज हम इस आर्टिकल में Baat nahi karne ki shayari लेख पब्लिश कर रहे है तो चलिए ज्यादा विलंभ न करते हुए शुरू करते है बात नही करने पर शायरी आर्टिकल
So let’s begin,
Baat nahi karne ki shayari
कभी किसी से बात करने की आदत #मत डालना,
क्युकी अगर वो #बात करना बंद कर दे तो,
दुबारा जीना #मुश्किल हो जाता है यार
मुझे तुमसे ‘बात’ ही नहीं करनी
ऐसा कहकर वो #call काट देते हैं
मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर
मेरी_कॉल का इंतजार करते हैं.
बिन “बात” के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की #चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो #आइना हूँ, मुझे तो “टूटने” की आदत है।
“बात” साथ तक … बाकी ज़िन्दगी “याद” तक ।
सारा जहाँ “चुपचाप” है, आहटें ना #साज़ है,
क्यों हवा ठहरी हुई है, आप क्या ‘नाराज़’ है !!
कुछ दिन “बात” ना करने से कोई बेगाना
नहीं होता कोई भी “दोस्त” इतना पुराना
नहीं होता “दोस्ती में गिले-शिकवे तो चलते
रहते हैं पर इसका “मतलब दोस्तों को
भुलाना नहीं होता..
आँखें #पढ़ो और जानो हमारी ‘रज़ा’ क्या है
हर बात अगर “लफ़्ज़ों” से हो तो मज़ा क्या है
#आँखें भी पलकों से सवाल करती हैं,
हर वक़्त तुझे ही #याद करती हैं,
जब तक ना कर लें दीदार तेरा ,
वो तेरा ही “इंतज़ार” करती हैं।
उदास ”लम्हों” की न कोई याद रखना,
तूफ़ान में भी वजूद अपना “संभालें” रखना,
किसी की “जिंदगी” की खुशी हो तूम,
बस यही सोच तूम अपना “ख्याल” रखना।
क्यों लगायें जमाने की ‘बातों’ को दिल पर,
असर तो सिर्फ उसकी “बातों” का होता हैं….!!
क्या #अजीब सी ज़िद है.. हम_दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे #तबाह होने की..
इक “बात” हमेशा याद रखना,
तुम्हारे ‘जीतने’ शौक है, उतनी तो मेरी #आदतें है .
#Don’t Worry अगर आपको बात नहीं करनी है ना, तो ना सही ‘छोड़’ देता हूं ना रोज-रोज ईयू “Message” करके आपको दुख देना नहीं चाहता क्या होगा ज्यादा से ज्यादा बस_खुश नहीं रहूंगा आपको “Message” किये बिना बस इससे #ज्यादा तो और क्या हो सकता हैं ।
बातें’ तो हर कोई समझ लेता है,
मगर हम वो चाहते है जो हमारी “ख़ामोशी” को समझे
तुम “बात” ना करो, कोई “बात” नहीं
लेकिन यह ‘जान’ लो
“बात” करने की शुरुआत वही करेगा
जो बेपनाह #मोहब्बत करता हो !
#पागल नहीँ थे हम जो तेरी हर “बात” मानते थे…,
बस तेरी #खुशी से ज्यादा कुछ “अच्छा” ही नहीँ लगता था.
हँसना आता है मुझे मुझसे #ग़म की बात नहीं होती,
मेरी बातों में “मज़ाक” होता है मेरी हर बात “मज़ाक” नहीं होती.!
#मोहब्बत का कोई कसूर नहीं
उसे तो मुझसे रूठना ही था
दिल मेरा “शीशे” सा साफ़
और शीशे का ‘अंजाम’ तो टूटना ही था
बहुत “नादान” है वो,
कोई समझाओ उसे,
बात ना करने से “इश्क” कम नहीं होता !
किस “बात” पर मिजाज बदला_बदला सा है,
शिकायत है हमसे या ये “असर” किसी और का है.
कितना #फर्क हैं ना हम दोनो की #चाहत में..
मुझे #तुम्हे याद करने से #फुर्सत नही और
तुम्हे मुझे याद करने की “फुर्सत” नही।.
आज तो बे-सबब #उदास है जी
‘इश्क़’ होता तो कोई “बात” भी थी.
ना जाने ये कैसा तरीका है तुम्हारे #प्यार करने का,
की #तुम्हारा मन ही नहीं करता हमसे “बात” करने का।
#वक़्त मिले तो याद करते हो, #दिल करे तो बात करते हो,
एक “जमाना” था के तुम हमारे बिना एक “पल रहे नहीं पाते थे,
और अब “ज़माने” बाद तुम हमें #याद करते हो।
बातें करना “अच्छा” लगता है ,
जब अपना कोई साथ हो,…
बातें #सुनना भी अच्छा लगता है,
जब अपना ही “ज़िक्र” ओर बात हो.
#नाराज़ क्यों हो होते किस “बात” पे हो हमसे रूठे,
अच्छा लो मान लिया तुम “सच्चे” और हम झूठे,
अब #मान भी जाओ कब से तुम हो हमसे रूठे,
माना ग़ुस्सा हो पर इतना #ग़ुस्सा भी नहीं होते।
बहुत हो गया अब “रूठना” और मनाना
चलो “दोबारा” से शुरुआत करते हैं
भुलादें सारी गलत_फहमियां को
चलो दोबारा से “बात” करने का आगाज करते हैं
तुम इश्क की “बात” करो और
हम आदाब करते हैं
बात ना करने से “मोहब्बत” कम नहीं हो जाती
बस दिलों की #दूरियां बढ़ने लगती हैं
और प्यार की डोर धीरे_धीरे कमजोर हो जाती है
#बदलने को तो इन आंखों के #मंजर कम नहीं बदले,
तुम्हारी याद के “मौसम” हमारे गम नहीं बदले
तुम अगले “जन्म” में हमसे मिलोगी तब तो मानोगी,
जमाने और सदी की इस #बदल में हम नहीं बदले|
सोचता हूँ “जिंदा” हूँ, मांग लूं सबसे ‘माफ़ी’,
ना जाने “मरने” के बाद कोई ‘माफ़’ करे या ना करे !!
“बात” नहीं करना तो बस एक_बहाना है
सच तो यह है
कि #तुम्हारा हमसे जी ‘भर’ गया है !
ख्वाहिश_ए_ज़िंदगी बस
इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ #तेरा हो और
ज़िंदगी कभी ”खत्म” न हो
सबको #गोली की तरह लगती है बातें_मेरी,
इस का मतलब है अच्छा है #निशाना मेरा.
कुछ तो #ख्याल करो अपना कोई #गम ना करो
तुम शोख “जवानी” पर कुछ तो रहम करो
#रूबरू होने की तो छोङिये, लोग ”गूफ्तगू” से भी कतराने लगे हैं…
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी ‘हैसियत’ पर इतराने लगे हैं
#मोहब्बत का कोई कसूर नहीं,
उसे तो मुझसे #रूठना ही था,
दिल मेरा शीशे सा साफ़…
और “शीशे” का अंजाम तो टूटना ही था !
कितनी #अजीब बात है की
जब हम गलत होते है तो #समझौता चाहते हैं,
और ‘दुसरे’ गलत होते है तो हम “न्याय” चाहते हैं
जिस #शाम बरसते है तेरी याद के #बादल,उस वक्त कोई भी हिजर का ”तारा” नहीं होता ,यु ही मेरे पहलु मैं चले आते हैं अक्सर_वो दर्द जिन्हे मैने कभी #पुकारा नहीं होता.
#मंजिल पाना तो बहुत #दूर की बात है,
गुरूर में रहोगे तो #रास्ते भी न देख पाओगे.
Conclusion
हम आशा करते है आपको आज का आर्टिकल Baat nahi karne ki shayari पसंद आया होगा अगर आपको आज का आर्टिकल पसंद आया तो इस आर्टिकल को अपने सभी करीबी के साथ सोशल अकाउंट पर जरुर शेयर करे और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें Instagram पर जरुर फॉलो करें !
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