तूने जिसका नाम अपनी हथेली पे छूपाया है... जरा आके देख झरोखे पे, वो अपनी हाथेली पे तेरा चांद लेके आया है
आदमी की याद भले ही चली जाए बीवी का जन्मदिन भूल सकता है?
तुम्हारा बर्थडे ऐसा मनाऊंगा ना ऐसा लगेगा पहली बार पैदा हुई हो
हमारे जमाने में लड़कियों अपनी शादी की बात सुनके शर्म के मारे भाग जाती थी और आज कल तो लड़की घर से भाग जाती है फिर भी नहीं शरमाती
Now kapil sharma shayari time
जिंदगी अपने आप में ही एक नशा है अरे लड़खड़ा के जीने में क्या मजा है
मुश्किल राहों में भी आसन सफर लगता है शायद ये मेरी मां की दुआओ का असर लगता है
कुछ तो रही होंगी इनकी भी मजबूरियां यूं चाह के कोई बेवफा नहीं होता