खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की,
अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते..!!
2 line shayari
इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता – Ishk Hai Ya Ibaadat Ab Kuchh Samjh Nahin Aata !
इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता…!
तेरी मोहब्बत पर मेरा हक़ तो नही मगर ऐ सनम – Teree Mohbbat Par Mera Haq To Nahee Magar Ai Sanam !
तेरी मोहब्बत पर मेरा हक़ तो नही मगर ऐ सनम,
जी चाहता है क़ि आखिरी सांस तक तेरा इन्तजार करू…!
नफरत करके बढेगी अहमियत उनकी – Nafrat Karke Badhegee Ahamiyat Unkee !
नफरत करके बढेगी अहमियत उनकी,
क्यों न माफ़ करके शर्मिंदा कर दिया जाये…!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था – Manjil Ka Naaraaj Hona Bhee Jaayaj Tha !
मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी वो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे…!
तू भी खामख्वाह बढ़ रही है ए धूप – Too Bhee Khaamakhvaah Badh Rahee Hai E Dhoop !
तू भी खामख्वाह बढ़ रही है ए धूप,
इस शहर में पिघलने वाले दिल ही नहीं हैं…!