जैसा कि हम आपके लिए आये दिन नए नए और बढ़िया बढ़िया शेर ओ शायरी शेयर करते रहते है आज भी हम आपके लिए इस आर्टिकल में बहुत ही बढ़िया शायरियों कि कलेक्शन लेकर आये है जी हा आज हम इस आर्टिकल में आपके साथ खुदगर्ज़ शायरी शेयर करेंगे हम उमीद करते है आप हमारे अन्य सभी आर्टिकल कि तरह इस आर्टिकल को भो पसंद करेंगे और ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करके अपना प्यार देंगे तो चलिए ज्यादा विलंभ ना करते हुए शुरू करते है आज का आर्टिकल khudgarz shayari in hindi – खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में
So let’s begin,
khudgarz shayari in hindi – खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में
बे-अदबी नीम की नहीं, कि वो कड़वा है,
खुदगर्ज़ी तो जीभ की है जिसे मीठा पसंद है
0
हमारी दोस्ती के बीच खुदगर्ज़ी भी शामिल है
ये बेमौसम का फल है ये बहुत मीठा नहीं होगा
0
मैं खुदगर्ज़ सही, ख़ुद्दारी भी अपने साथ रखती हूँ;
ख़ैरात में इश्क़ मिले भी तो, मुझे ज़रूरी नहीं लगता
0
गरजा बहुत कि खुदगर्ज़ हुआ है
एक रिश्ता लाइलाज मर्ज़ हुआ है
0
खुदगर्ज ही सही,कुछ भी कहो.
पर सुनो,तेरी जरूरत है मुझे
0
बड़ा ही खुदगर्ज़ समंदर है ये दुनिया,
कितने ही पैर पटको, कोई किनारा नहीं दोस्तो.
0
अपने नसीब में, अपनों का सहारा नहीं दोस्तो
कितना ही दिल लुटाऊँ, कोई हमारा नहीं दोस्तो
0
उसकी शहादत को भला ख़ुदगर्ज़ जमाना क्या समझे,
यहाँ तो हाथ बढ़ाते हैं सब, अपना मुक़ाम पाने के लिये.
0
मूर्ख है दीपक, जो खुद को जलाता है जमाने के लिये
खुद को मिटा देता है, औरों का अंधेरा मिटाने के लिये
0
मैं सब कुछ और तू कुछ नहीं
बस यही सोच…
हमें इंसान बनने नहीं देती.
0
गर्जी के बयां पर तुम
कभी ना भरोसा रखना
चाहत का समा हमेशा
दिल में छिपाए रखना
0
आज दिल के आईने में तेरी
धुंधली सी तस्वीर मिल गई
खुदगर्जी की सजा भी हमें
इस मोहब्बत में मिल गई
0
किसी की आंखों में चाहत
नजर नहीं आ रही है
दुनिया खुदगर्जी के इस बुरे
समंदर में बहती जा रही है
0
लोगों के दिल में एक दूजे के
लिए प्रेम का बीज कब उगेगा
न जाने ये खुदगर्जी का बुरा
सिलसिला कब ख त्म होगा
0
एक दूसरे के दिल में यूं पल रही
मोहब्बत जमाना नहीं समझता
जलते हुए दिए की शहादत ये
खुदगर्ज जमाना नहीं समझता
0
तेरी झूठी मोहब्बत में यारा
अब मेरी धड़कन बढ़ने लगी
जिंदगी जब खुदगर्ज जमाने को
समझने की कोशिश करने लगी
0
तड़पते इन दिलों में क्यों अधूरे अरमान बनाएं
न जाने क्यों खुदा तूने खुदगर्ज इंसान बनाएं
0
सच्चाई की चुनर ओढ़े
अब बुराई दिख रही है
खुदगर्ज इंसान के इश्क़ से
दुनिया अंजान हो रही है
0
न जाने क्यों मेरी निगाहें उसके
आंखों की सच्चाई पर टिकी थी
शायद मेरे नसीब में उस बेवफा की
खुदगर्ज मोहब्बत ही लिखी थी
0
चाहत में दी झूठी कसमों को
दिल से कभी माफी ना दूंगा.
उसके खुदगर्ज बर्ताव को यारों
अब मैं जिंदगी भर ना भूलूंगा
0
न जाने क्यों आहें भरते हुए
उसने झूठी मुलाकात की
खुदगर्ज लफ्जों में आज मुझसे
दिल तोड़ने वाली बात की
0
चाहता हूं मैं अब दिल से उसे निकाल दूं
उसकी खुदगर्जी की मैं क्या मिसाल दूं
0
देखें इस दुनियां के रंग हज़ार,
खुदगर्ज़ों से भरा है ये बाज़ार
तुमने भी किया खुद को इसमें शामिल,
क्यूँ ये रास्ता किया तुमने इख़्तियार?
0
दिलबर था मेरा मेहरबान मगर
मुझ पर एहसान नहीं किया
न जाने क्यों मेरा खुदगर्ज प्यार
आज मुझसे मिलने नहीं आया
0
मेरे ही दिल में रहकर कैसे
तुम इसमें ही छेद करोगे
मुझे क्या पता था चाहत में
इतने खुदगर्ज निकलोगे
0
पसंद आए कोई तो तैयार होता है
देने के लिए वो अपनी जान
मासूम सी मोहब्बत में बड़ा ही
खुदगर्ज हो जाता है इंसान
0
प्यार में अपनी महबूबा से
मुझे अलग करवा दिया
खुदगर्ज जमाने ने मुझसे
मेरा घर भी छुड़वा दिया
0
दूसरों पर भरोसा कर तूने
आखिर क्यों दिल तोड़ा
खुदगर्जी ने जानम तेरी,
मुझे कहीं का ना छोड़ा
0
तैयार था मैं देने के लिए
जान भी इकरार में
तुम खुदगर्ज हो गई हो,
न जाने क्यों प्यार में
0
चली गई हो लगा कर
मुझे चाहत का ये मर्ज
पहचान गया हूं बेवफा,
तुम हो बड़ी खुदगर्ज
0
बहुत जी लिए इस धोके भरी दुनिया में
अब हम मनमर्ज़ी नहीं करते
इतना अकेले हो गए है हम की
कोई अपनाना चाहे तो हम खुदगर्ज़ नहीं बनते
0
जब तुम्हें वक़्त मिलता है तभी याद आते हैं हम,
तेरी इस खुदगर्ज़ी को पहचानते हैं हम
इश्क़ बेइंतहां करते हैं फ़िर भी तुमसे,
इसलिए कोई इल्ज़ाम तुम पर लगाते नहीं हम
0
दुनिया में दिखते हैं हर
कहीं बदलते हुए चेहरे
खुदगर्जी की मिसाल है
ये समंदर की लहरें
0
जानबूझकर उसने ना किया मुझसे कभी प्यार
क्या बताऊं, बड़ा ही खुदगर्ज निकला मेरा यार
0
मोहब्बत में अपने सच्चे दिलबर को
दुख देना ही उनके अरमान होते हैं
बेईमानी और खुदगर्जी करने से ही
बेवफा दुनिया में पहचाने जाते हैं
0
दिल में जो थी मोहब्बत की
राहें जैसे खाली कर दी है
खुदगर्जी ने ही इंसानों के
दिल में जगह कर ली है
0
खुद को ही वह सबसे
बड़ा मानने लगता है
मोहब्बत में जब इंसान
खुदगर्ज हो जाता है
0
साथ होकर भी
अकेले रह रहे हो
क्या तुम भी
अपनी खुदगर्ज़ी का सबुत दे रहे हो?
0
तुम अपने दिल में मोहब्बत का
आलम हमेशा जिंदा रखना
अपनी खुदगर्जी और खुद्दारी
खुद अपने ही पास रखना
0
हमने खुद होकर मोहब्बत का मर्ज लिया है
खुदगर्ज इंसानो ने प्यार को बदनाम किया है
Conclusion
हम आशा करते है आपको आज का आर्टिकल khudgarz shayari in hindi – खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको आज का यह आर्टिकल पसंद आया तो इस आर्टिकल को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें हम मिलेंगे आपसे एक नए आर्टिकल में जब तक लिए आप ब्लॉग पर पब्लिश अन्य आर्टिकल पढ़े इस आर्टिकल को अपना कीमती समय और यहाँ तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया !
और शायरी आर्टिकल पढ़े
- dil ki awaz shayari in hindi – दिल की आवाज शायरी हिंदी में
- khudgarz shayari in hindi – खुदगर्ज़ शायरी हिंदी में
- kasak shayari in hindi – कसक शायरी हिंदी में
- Kahani Shayari In Hindi – कहानी शायरी हिंदी में !
- 67+ Zindagi se pareshan shayari in hindi – ज़िन्दगी से परेशांन शायरी हिंदी में !
- Heart touching shayari in hindi 4 lines – दिल को छू लेने वाली शायरी हिंदी में 4 लाइन
- Time Pass Shayari In Hindi – टाइम पास शायरी हिंदी में !
- Kuch log kabhi nahi badalte shayari – कुछ लोग कभी नहीं बदलते शायरी
- Matlabi dost par shayari – मतलबी दोस्त पर शायरी
- Kiss shayari in hindi for girlfriend – गर्लफ्रेंड के लिए हिंदी में किस शायरी