Gulzar Shayari In Hindi – अगर आप गूगल पर Gulzar shayari,gulzar qoutes इस तरह के keyword सर्च कर रहे है तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आए है क्यूकी आपको यहा पर आपके सभी गूगल सर्च से related answer मिलेंगे आज के समय में शायद ही कोई होगा जो गुलजार साहब के बारे में नहीं जनता होगा गुलजार साहब शेर-ओ-शायरी के बहुत ही बड़े उस्ताद है Gulzar साहब द्वारा लिखे गए दिल को छू जाने वाले गाने, नज़्में, शायरिया, ग़ज़लें, रोमांटिक कोट्स आज भी जबान पर सुनने को मिल जाते है जी हा आज हम उनही गुलजार साहब के बारे में बात कर रहे है जो अपने शब्दो के जादू से लाखो करोड़ो लोगों के दिलो पर राज करते है इसलिए आज हम आपके लिए इस पोस्ट में गुलजार साहब द्वारा लिखे गए 201 से Qoutes लाये है जिनहे पढ़कर आपका दिलो दिमाग तरो ताज़ा हो जाएगा तो चलिये शुरू करते है आज का आर्टिक्ल
रुकिए, हम आपको यहा पर बताना चाहेंगे आपको यहा पर गुलजार साहब द्वारा लिखे गए कौन-2 qoutes और shayari पढ़ने को मिलेगी
इसमें आपको निम्न qoutes और शायरी पढ़ने को मिलेगी आप नीचे देख सकते है तो चलिए शुरू करते है
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Let’s Begin,
कभी फुर्सत मिले तो
उनका हाल भी पूछ लिया करो
जिनके सीने में दिल की जगह
तुम धड़कते हो

जिंदगी एक बार मिलती है
यह बात बिल्कुल गलत है
सिर्फ मौत है जो एक बार मिलती है
जिंदगी तो हर रोज मिलती है
जिन्हें अपने प्यार की कदर होती है
वह उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है
फर्क था हम दोनों की मोहब्बत ने
मुझे उससे ही थी उसे मुझसे भी थी
रिश्ते धीरे-धीरे खत्म होते है
लेकिन पता अचानक से चलता है
जिंदगी जीने के लिए बनी थी
हमने सोचने में गुजार दी
मैं ठहर गया वह गुजर गई
वह गुजर गई सब ठहर गया
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते
आवाज तुम ना दो तो बोलते वह भी नही
मजबूत होने में मजा ही तब है
जब सारी दुनिया कमजोर करने पर तुली हो
आईना जब भी उठाया करो
पहले देखा करो फिर दिखाया करो
मेरे किरदार को मेरे आज से ना जान
मैं जब पौधा था तब भी बरगद🌳 था
रोए बगैर तो प्याज भी नही कटता
यह तो जिंदगी है जनाब ऐसे कैसे कट जाएगी
पूरा दिन गुजर गया और आपने याद तक ना किया
मुझे नही पता था कि इश्क में भी इतवार होता है
बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती है
काले तो आधे घंटे में हो जाते है
संभल कर खर्च करता हूं खुद को दिनभर
हर शाम आईना मुझसे हिसाब मांगता है
बहुत गजब का नजारा है इस अजब सी दुनिया का
लोग बहुत कुछ बटोरने में लगे है खाली हाथ जाने के लिए
आखिरी पन्ने पर बोलो क्या लिखूँ
तुम यहाँ तक तो साथ आये ही नहीं
जान से बढ़कर चाहा तुम्हें
पर तुम साथ तो निभाए ही नहीं
याददाश्त का कमजोर होना भी कोई बुरी बात नही जनाब
बहुत बेचैन रहते है वह लोग जिन्हें हर बात याद रहती है
वह बहुत देर तक सोचता रहा
उसे शायद … सच बोलना था
कब्रे सारी खाली पड़ी रो रही है
हर इंसान अपने अंदर ही मर रहा है
लौटा जो सजा काट के बिना जुर्म की
घर आकर उसने सारे परिंदे रिहा किए
तन जलाकर रोटियां पकाती है मां
नादान बच्चे आचार पर रूठ जाते है
इतनी देर से मत लोटना तुम
कहीं चाबियाँ भी बेअसर न हो जाए लौटने पर
जिस धागे की गांठे खुल सकती है
उस धागे पर कैंची नही चलानी चाहिए
तुम्हें सिर्फ ठेला दिखता है सड़क पर साहब
हकीकत में वह अपना पूरा घर खींचता है
डायरी के आखिरी में नाम लिखा जो तुम्हारा
सभी पन्नों में कानाफूसी शुरू हो गई
रस्सी जैसी जिंदगी
तनी तनी से हालात
एक सिरे पर ख्वाहिशें
दूजे पर औकात
लड़कियां खिलौना नही होती है साहब
पापा तो यूं ही प्यार से गुड़िया बुलाते है
बिना मिले… पास ही से गुजर जाते है
बाईपास के बनते ही शहर सिमट जाते है
नाराजगी मुझसे कुछ ऐसे भी जताती है वह
खफा जिस रोज हो काजल नही लगाती है वह
सोचती हूं दिल में सुराख हो गया है… वरना
क्यों पहले की तरह भर नही आता
तुम ही आकर थाम लो मुझे
औरों ने तो छोड़ दिया है तुम्हारा समझ कर
यह कैसी मोहब्बत है तेरी
महफिल में मिले तो अनजान कह दिया
तन्हा मिले तो जान कह दिया
दिल की बात साफ-साफ कह देनी चाहिए
क्योंकि बता देने से फैसले होते है ना बताने से फासले
मैं दिल का साफ हूं
उसे सूरत का चाहिए
तुम जिंदगी की वह कमी हो
जो जिंदगी भर रहेगी
यहां हर कोई रखता है खबर गैरों के गुनाहों की
अजीब फितरत है कोई आईना नही देखता
अपनों को ही गिरा दिया करते है कुछ लोग
खुद को गैरों की नजरों में उठाने के लिए
जब से देखा है चांद को तन्हा
तुमसे भी कोई शिकायत ना रही
काश दिल भी मेरा उतना खराब होता
जितना खराब दिमाग है
पलट कर जवाब देना बेशक गलत बात है
लेकिन सुनते रहो तो लोग बोलने की हद भूल जाते है
मैं पूछती थी बात करने की वजह
वह कह कर “तुम” खामोश हो गए
मुझे फर्क नही पड़ता आपने और गैरों में
हर कोई हंसा है मुझे रोता देखकर
मुझे गलत कहने के लिए
तुम्हारा सही होना जरूरी है
उसे कहो मुझे पत्थर मारे वह पत्थर जो उसके सीने में है
थोड़ा सुकून भी ढूंढिए जनाब
यह जरूरतें तो कभी खत्म नही होंगी
जिंदगी में एक बात तो तय है
की तय कुछ भी नही है
खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
हर किसी के पास अपने अपने मायने है
खुद को छोड़ सिर्फ दूसरों के लिए ही आईने है
लोग तलाशते है कि कोई फिक्र मंद हो
वरना कौन ठीक होता है हाल पूछने से
एक दूसरे को उसी में देख लिया करेंगे
तेरे शहर का चांद मेरे शहर में भी निकलता है
वह आंखें झुक गई मुझे देखकर
यकीनन उसने मुझे कभी चाहा जरूर होगा
मुझे पसंद नही है सरकाना दुपट्टा तुम्हारा
मैं नया सा लड़का हूं पुराने ख्यालों का
ना जाने कब खर्च हो गए पता ही नही चला
वह लम्हे जो बचा कर रखे थे जीने के लिए
तू इस कदर मुझे अपने करीब लगता है
तुझे अलग जो सोचो तो अजीब लगता है
यही सोचकर नही दी सफाई हमने कोई
इल्जाम झूठा ही सही मगर लगाया तो तुमने है
जिस दिन मुझे खो दोगे
उस दिन मुस्कुराते हुए भी रो दोगे
काश फुर्सत ने उन्हें भी
यह खयाल आ जाए कि
कोई याद करता है
उन्हें जिंदगी समझकर
कैसे कह दूं बदले में कुछ नही मिला
सबक कोई छोटी चीज तो नही है
कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का
एक☝️ मौका भी नही दिया मनाने का
बस जीने ही तो नही देगी
और क्या कर लेंगे यादें तेरी
नींद आ जाए तो सो भी जाया करो
यू रातों में जागने से
मोहब्बत लौटा नही करती
शायरी वह नही लिखते है
जो शराब से नशा करते है
शायरी तो वह लिखते है
जो यादों से नशा करते है
अब गिला क्या करना उसकी बेरुखी का
दिल ही तो था भर गया होगा
मैंने जिंदगी में दोस्त नही ढूंढे
मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूंढी है
उतार फेंक दी उसने तोहफे में मिली पायल
उसे डर था छनकेगी तो याद आ जाऊंगा मैं
ख्वाब दुख देने लगे थे
मैंने देखने छोड़ दिए
शहर में पहले ही
इतना आतंक मचा हुआ है
और आप उसमें
काजल लगाकर बाहर निकलती हो
आज जिस धूप में सुकून है
कल इसी धूप में जलन होगी
तलब ऐसी की सांसो में समां लूंगा तुझे
किस्मत ऐसी के देखने को मोहताज हूं तुझे
बड़े बेताब थे वह मोहब्बत करने को हमसे
जब मैंने भी कर ली तो उन्होंने शौक बदल दिया
देख कर तुझे सिगरेट बुझा दी
और इस लड़के से कितनी इज्जत चाहिए तुझे
सबके सामने हाथ पकड़ लेता है तुम्हारा
यह चूड़ी वाला एक दिन मार खाएगा मुझसे
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को
खुद से पहले सुला देता हूं
हैरत की बात तो यह है कि
हर सुबह यह मुझसे पहले जाग जाती है
फूल💐 देखे थे जनाजे पर अक्सर मैंने
मगर कल शहर में फूलों का ही जनाजा देखा
जब गिला शिकवा अपनों से ही तो खामोशी ही भली
अब हर बात पर जंग हो यह जरूरी तो नही
यूं तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायत बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे
तो वहां कटारे बहुत थी
रात भर यह मोगरे की खुशबू कैसी थी?
अच्छा तो तुम आए थे
मेरी नींदों में
दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है
वरना मुलाकात तो रोज हजारों1000 से होती है
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए
कुछ शिकायत बनी रहे तो बेहतर है
चाशनी में डूबे रिश्ते वफादार नही होते
कैसे गुजर रही है सब पूछते है❓
कैसे गुजारता हूं कोई नही पूछता
तेरी तरह बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी
खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है
सच को तमीज ही नही बात करने की
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते
आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही
चुप हो तो पत्थर ना समझना मुझे
दिल पर असर हुआ है किसी अपने की बात का
तुझसे कोई शिकवा शिकायत नही है
जिंदगी तूने जो भी दिया है वही बहुत है
वह चीज जिसे दिल कहते है
हम भूल गए है रखकर कहीं
तन्हाई की दीवारों पर
घुटन का पर्दा झूल रहा है
बेबसी से छत के नीचे
कोई किसी को भूल रहा है
साथ साथ घूमते है हम दोनों रात भर
लोग मुझे आवारा उसको चांद कहते है
चख कर देखी है कभी तन्हाई तुमने
मैंने देखी है बड़ी ईमानदार लगती है
तेरे जाने से कुछ बदला तो नही
रात भी आई थी
और चांद भी आया था
हां मगर नींद नही
नाराज हमेशा खुशियां ही होती है
गमों के कभी इतने नखरे नही रहे
बिखेर बैठा हूं कमरे में सब कुछ
कहीं एक ख्वाब रखा था वह भी गुम है
जो खानदानी रईस है
वह रखते है मिजाज नरम अपना
तुम्हारा लहजा बता रहा है
तुम्हारी दौलत नई नई है
खुद से Zyada संभाल कर रखता हूं मोबाइल अपना
क्योंकि रिश्ते सारे अब इसी में कैद है
तुझ को बेहतर बनाने की कोशिश में
मैं तुझको ही वक्त नही दे पा रहा हूं
माफ करना ए जिंदगी
तुझको ही जी नही पा रहा हूं
मैंने तो कहा था
कोई और नही है मेरे दिल में
देख लिया तोड़ के कोई मिला क्या
वह मिला ऐसे जैसे कभी जाएगा ही नही नही
गया ऐसे जैसे कभी मिला ही नही
ठुकरा दो अगर देकोई जिल्लत से समंदर
इज्जत से जो मिल जाए वह कतरा ही बहुत है
वह कभी डरा ही नही मुझे खोने से से
वह क्या अफसोस करेगा मेरे ना होने से
अगर किसी से मोहब्बत बेहिसाब हो जाए
तो समझ जाना वह किस्मत में नही
पनाह मिल जाए रूह को
जिसका हाथ छूकर
उसी हथेली पर घर बना लो
वक्त रहता नही कहीं टिक्कर
आदत इसकी भी आदमी सी है
दिल में कुछ जलता है
शायद धुआं धुआं सा लगता है
आंख में कुछ चुभता है
शायद सपना कोई सुलगता है
तकलीफ खुद ही कम हो गई
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई
जब भी यह दिल उदास उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है
कोई वादा नही किया लेकिन
क्यों तेरा इंतजार होता है
तुम शोर करते हो
सुर्खियों में आने के लिए
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई है
इतना क्योंक्या सिखाए जा रहे हो जिंदगी
हमें कौनसीक्या सदियां गुजारनी है यहां
लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है
चलिए छोड़िए कौनसाक्या पहली दफा है
जिन्हें वाकई बात करना आता है
वो लोग अक्सर खामोश रहते है
तोड़कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की
सब कुछ काबिले मरम्मत है एतबार के सिवा
फासला बढ़ा लिया तुमने
मैंने दीवार पक्की कर ली
जरा सी गलतफहमी ने देखो
कितनी तरक्की कर ली
तुम ठहरो आज वक्त को जाने दो
बहुत छाले है उसके पैरों में
कमबख्त उसूलों पर चला होगा
उम्र बढ़ती रहेगी साल घटती रहेंगे
और होती रहेंगे गुफ्तगू हैप्पी बर्थडे टू यू
गुलाम थे तो हम सब हिंदुस्तानी थे
आजादी ने हमें हिंदू मुसलमान बना दिया
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है वह भी हो तन्हाई भी
वह चीज जिसे दिल कहते है
हम भूल गए है रखकर कहीं
तुझसे कोई शिकवा शिकायत नही है
जिंदगी तूने जो भी दिया है वही बहुत है
चुप हो तो पत्थर ना समझना मुझे
दिल पर असर हुआ है किसी अपने की बात का
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते
आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही
सच को तमीज ही नही बात करने की
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है
तेरी तरह बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी
खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है
कैसे गुजर रही है सब पूछते है
कैसे गुजारता हूं कोई नही पूछता
कुछ शिकायत बनी रहे तो बेहतर है
चाशनी में डूबे रिश्ते वफादार नही होते
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए
दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है
वरना मुलाकात तो रोज हजारों1000 से होती है
जख्म वही है जो छुपा लिया जाए
जो बता दिया जाए उसे तमाशा कहते है
फितरत तो कुछ यूं है इंसान की
बारिश खत्म हो जाए तो छतरी बोझ लगती है
कौन कहता है हम झूठ नही बोलते
जनाब दिल का हाल पूछ कर तो देखिए
गीली लकड़ी सा इश्क तुमने सुलगाया है
ना पूरा जल पाया ना बुझ पाया है
मेरी बहादुरी के किस्से मशहूर थे शहर में
तुझे खो देने के डर ने मुझे कायर बना दिया
जिस दर्द से हम गुजरे है
तुम गुजरते तो गुजर ही जाते
अपने ही घर में मेहमान बन कर आना जाना हुआ
जब से शहर में शुरू कमाना हुआ
थोड़ी थोड़ी गुफ्तगू दोस्तो से करते रहिए
जाले लग जाते है अक्सर बंद मकानों में
मोहब्बत से फुर्सत नही मिली वरना
करके बताते नफरत किसे कहते है
बहुत मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार
मुनाफा कम है पर गुजारा हो ही जाता है
सो जाइए सब तकलीफ को सिरहाने रख कर क्योंकि
सुबह उठते ही इन्हें फिर से गले लगाना है
किसी की तलाश में ना निकलो
लोग खो नही जाते बदल जाते है
“मुझे गिरते हुए पत्तों ने यह समझाया है
बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते है”
🏻मुझे महंगे तोहफे पसंद है
अगली बार आओ तो वक्त ले आना
तुम्हारी एक कॉल के इंतजार में
बरसों से नंबर नही बदला हमने
इंसान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले
हमें भी मालूम था अंजाम मोहब्बत का
जवानी जोश पर थी और जिंदगी खराब कर बैठे
दिल अब पहले सा मासूम नही रहा
पत्थर तो नही बना मगर अब मोम भी नही रहा
पेड काटने आए है कुछ लोग मेरे गांव में
धूप बहुत तेज है कह कर बैठ गए उसी की छांव में
मुद्दा यह नही कि दाल महंगी है साहब
दर्द यह है कि किसी की भी गल नही रही
बेकार जाया किया वक्त किताबों में
सारे सबक तो कमबख्त ठोकर से ही सीखे है
पहली मोहब्बत मुकदमे की तरह होती है
ना खत्म होती है ना इंसान को बाइज्जत बरी करती है
अनजान से जान होने तक का
सफर ही प्यार होता है
मरने की बात पर जो रखते थे होठों पर उंगलियां
अफसोस वही मेरे जान के कातिल निकले
खामोशी से भी नेक काम होते है
मैंने देखा है पेड़ों को छांव देते हुए
एक अलग ही सुकून था उसकी बाहों में
नही … वह मेरी मां इतना दम कहां इन बेवफाओं में
पहले लगते थे 2️⃣-4️⃣ लोग
अब तो सारे के सारे ज़हर लगते है
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है
वरना बाज़ की उड़ान में कभी आवाज नही होती
तेरा नाम क्या लिख दिया रेत पर
फिर उम्र भर हवा से मेरी दुश्मनी रही
जिसके लिए तुम मर रहे हो
वह किसी और के साथ हंस के जी रहा है
ऐसे जियो कि अपने मां-बाप को पसंद आ सको
दुनिया की पसंद तो पल भर में बदल जाती है
मौत का कुछ पता नही इसलिए बात कर लिया करो
क्या पता फिर याद करो और हम ना हो
करेला बनो गुलाब जामुन नही
वरना लोग खा जाएंगे
प्यार भी हम करें
इंतजार भी हम
मनाए भी हम
और रोए भी हम
खुद की कीमत रखिए उतनी ही
जितनी अदा कर सकें
अगर अनमोल हो गए तो तन्हा रह जाओगे
बड़े महंगे किरदार है जिंदगी के साहब
समय-समय पर सब के भाव बढ़ जाते है
अगर जिंदा रहा तो मिलूंगा कभी ना कभी
अगर मर गया तो दिल से मत भुला देना
नशे की आदत तेरी आंखों ने लगाई है
वरना हम भी कभी होश में जिया करते थे
शायरी का शौक मुझे बचपन से था
फर्क सिर्फ इतना है
तब सुनकर हंसता था
अब लिख कर रुलाता हूं
अलग ही इज्जत है चाय में इलायची की भी
हर किसी के लिए नही डाली जाती
उसका वादा भी अजीब था
कि जिंदगी भर साथ निभाएंगे
मैंने भी यह नही पूछा
मोहब्बत❣️ के साथ या यादों के साथ
जब तक जिंदा हूं प्यार कर लो मुझसे
कुछ दिन बाद निकल जाना है मुझको
नशा पिला के गिराना तो सबको आता है
मजा तो तब है कि गिरतों को थाम ले सकी
ना यह नजरें मिली ना उनका दीदार हुआ
ना जाने किस इत्तेफाक में हमको उनसे प्यार हुआ
अजीब से लोग बसते है शहर में मेरे
कांच की मरम्मत करते है पत्थर के औजारों से
दिल के जख्म अगर किराए पर दिए जाते तो
हमसे ज्यादा अमीरी उनके पास नही होती
“वह महफिल जमाते है मेरी कब्र पर आकर
वह मेरे दोस्त है साहब अकेला नही छोड़ेंगे”
शायरों से ताल्लुक रखो तबीयत ठीक रहेगी
हम वह हकीम है जो अल्फाज से इलाज करते है
लौटकर तो आ गए हो तुम
पर रहोगे कहां अब दिल तो तोड़ दिया था तुमने
तंग करती है तुम्हारी यह जुल्फें
तुम अपने सर पर ताज पहना करो
मत कर हिसाब मेरे प्यार का
कहीं ऐसा ना हो कि
बाद में तू ही कर्जदार निकले
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ
किसी की आंख में हमको भी इंतजार दिखे
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म
यह जुल्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते है
नींद भी महबूबा बन गई है
बेवफा रात भर नहीं आती
जिंदगी की राह तब आसान हो जाती है
जब परखने वाला नही
समझाने वाला हमसफर हो
चांद होता ना आसमान पर अगर
हम किसे आप सा हसीन कहते
अपने साए से चौक जाते है
उम्र गुजरी है इस कदर तन्हा
हजारों उलझनें राहों में
और कोशिश बेहिसाब
इसी का नाम है जिंदगी
चलते रहिए जनाब
थोड़ा इंतजार तो कर लेते
वक्त ही तो खराब था…
दिल थोड़ी
मुकम्मल कहानियां होती है
इश्क नही
जिसने भी चाहा
मतलब तक चाहा
कुछ रिश्ते टूट जाते है पर
खत्म कभी नही होते
बिना मोबाइल खाली हाथ नजर आ जाए कोई तो
खामखा ही हाथ मिलाने को जी करता है
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है
मेरे अंदर बारिश होती रहती है
मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया
उसका यह कहना…
कहो कैसे आना हुआ
हमें इन सर्द रातों में
तेरी यादें बहुत सताती है
तुम्हें एहसास होगा तब तक
दिसंबर बीत जाएगा
किसी की आदत हो जाना
मोहब्बत से ज्यादा खतरनाक है
अगर आंसुओं की कीमत होती तो
कल रात वाला तकिया अरबों का होता
नाराजगी कुछ इस कदर है उनकी हमसे
जैसे किसी और ने उन्हें मना लिया है
दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाएं कौन
सेहरा पसंद हो के सिमटने लगा हूं मैं
अंदर से लग रहा है कि बटने लगा हूं मैं
उन्हें भी नया साल मुबारक
जिनके इस साल भी हम हो ना सके
लोग नए साल में
बहुत कुछ नया मांगेंगे
पर मुझे वही तुम्हारा पुराना साथ चाहिए
मैंने दबी आवाज में पूछा
मोहब्बत करने लगी हो हो
वह नजरें झुका कर बोली ” बहुत “
जो शिकायत नही करते
दर्द उनको भी होता है
टूटे हुए ख्वाब
और रूठे हुए अपने
बहुत तकलीफ देते है
अकेले चलना सीख लो जरूरी नही है जो
आज आपके साथ है वह कल भी आपके साथ रहेगा
दिल की उम्मीद का हौसला तो देखो
इंतजार उसका है जिसको एहसास तक नही
इस खयाल ही तो हूं याद रहे तो रख लेना
वरना सौ बहाने मिलेंगे मुझे भूल जाने के
खामोश रहे तन्हा बैठ
याद करो उसको
तूने इश्क किया है
गुनाह छोटा नही है तेरा
तुम्हारे लिए तुम से ही लड़ रहे है
ना जाने कैसी मोहब्बत कर रहे है
जहां पहुंचने में नासा को लगा जमाना
उस चांद पर हम शायरों का हर घड़ी होता है आना जाना
तुम्हें हौसला है तो तुम उठा लो जनाजा प्यार का
मुझे अभी मेरे इंतजार पर यकीन बहुत है
भीड़ सी हो गई थी उसके दिल में
हुआ कुछ यूं कि फिर मैं निकल आया
मोहब्बत दो लोगों के बीच का नशा है
जिसे पहले होश आ जाए वह बेवफा है
खुद से भी खुलकर नही मिलते हम
आप क्या खाक जानते हो हमें
खामोशी पसंद है मुझे बस इतना ही कहा था उसने
मैंने भी शोर करती हुई धड़कन ही रोक ली अपनी
किसने चलाया यह तोहफे देने लेने का रिवाज
गरीब आदमी मिलने जलने से भी डरता है
कुछ ऐसे हादसे भी जिंदगी में होते है
के इंसान तो बच जाता है मगर जिंदा नही रहता
अजीब दस्तूर है जमाने का
अच्छी यादें पेन ड्राइव में
और बुरी यादें दिल में रखते है
कहते है कि हो जाता है संगत का असर
पर कांटों को आज तक नही आया महकने का सलीका
पैसा हैसियत बदल सकता है औकात नही
दोहराई जाएंगे ना यह लम्हा अब कभी
सपनों में भी ना छूटेगा यह साथ अब कभी
मिलती है जिंदगी जब आप मुस्कुराए है
आंखों में हमने आपके सपने सजाए है
एक कांच का टुकड़ा यह कहकर टूट रहा है
की किसी पत्थर ने उसकी हिफाजत का वादा किया था
गम इसका भी नही है कि आप मिल ना सकोगे
दर्द इस बात का है कि हम आप को भुला ना सकेंगे
जब जान देने को तैयार थे तो हजारों की भीड़ में भी
एक दुश्मन ना मिला
और आज जब मरने का शौक खत्म हो गया
तो अपने ही कब्र तक ले जाने को तैयार बैठे है
सोचा था घर बना कर बैठूंगा सुकून से से
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया
हमें शायर समझ के यू नजरअंदाज ना करिए
हम नजर फेर ले तो तेरी चाहतों का बाजार गिर जाएगा
या खुदा अपनी अदालत में मेरी जमानत रखना
मैं रहूं या ना रहूं मेरी जान को सलामत रखना
रात भर यह मोगरे की खुशबू कैसी थी?
अच्छा तो तुम आए थे
मेरी नींदों में
इश्क की अब आखरी नस्ले है हम
अगली पीढ़ी को बस जिस्मों की जरूरत होगी
चुपके से गुजार देंगे जिंदगी तेरे नाम
लोगों को फिर बताएंगे प्यार ऐसे भी होता है
क्यों हूं मैं राही
जब वह है किसी और की मंजिल
नाराज तो नही थे तेरे जाने से मगर
हैरान थे कि तुमने मुड़कर भी नही देखा
नादान है वह उसे समझाएं कोई
बात ना करने से मोहब्बत कम नही होती
मुस्कुराना सीखना पड़ता है
रोना तो लोग सिखा देते है
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की
हमने बेवजह ही खुद को खुशनसीब समझा
अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो
तो कोई भी रिश्ता कभी खत्म नही होता
वहम से भी खत्म हो जाते है रिश्ते
कसूर हर बार गलतियों का नही होता
हजारों चेहरों में एक तुम दिल को अच्छे लगे
वरना ना चाहत की कमी थी ना चाहने वालों की
तंग नही करते है हम उन्हें आजकल
यह बात भी उन्हें तंग करती है
जिंदगी की राह तब आसान हो जाती है
जब परखने वाला नही
समझाने वाला हमसफर हो
माना कि मुझे प्यार करना नही आता
यह बता तुझे दिल तोड़ना किसने सिखाया
भूल गए है चाहने वाले हमें
या फिर यादें भी महंगी कर दी है सरकार ने
रस्ते बदल गए हम यारो के मगर
रिश्ता भी वही पुराना है
दिल हार कर देखिए जनाब
जीतने वाले से प्यार हो जाएगा
किसी पर मर जाने से होती है मोहब्बत
इश्क़ ज़िंदा लोगों के बस का नहीं
रास्ते बदल गए हम यारों के
मगर रिश्ता आज भी वही पुराना है
जरा तमीज से समेटना
बुझे दीयों को दोस्तो
अमावस के अंधेरे में
उन्होंने हमें रोशनी दी है
हर जगह इत्र ही नही महका करते
कभी-कभी शख्सियत भी खुशबू दे जाती है
मोहब्बत बुरी है बुरी है Mohabbat
कहे जा रहा है किए जा रहा है
फासले कर लिए थे हमने भी
क्योंकि वह करीब जो था हर किसी के
सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज़ पर उतारकर
चीख भी लेता हूं और आवाज भी नही होती
गरीबों की ख्वाहिश है
की खुदा मौत आ जाए
क्या पता कब कफन महंगा हो जाए
मैं करूं तो हार सकता हूं
इजहार तुम करो
तो जीत का जिम्मा मेरा
खुदा करे हमेशा सलामत रहे
तुम और मुस्कुराना तुम्हारा
कभी तुम भी तो समझ लो
मेरी अनकही इन बातों को
ना जाने कितने दिलों को तोड़ती है यह कमबख्त फरवरी
यू ही नही किसी ने इसके दिन घटाएं है
दो रास्ते है जिंदगी के
दोस्ती और इश्क
एक जाम से भरा
तो दूसरा इल्जाम से भरा
अब किसको दें अच्छा बनने का मशवरा
जब शराफत में हमें ही कुछ ना मिला
यह जो तुम्हारी याद है
मेरे लिए तो यही जायदाद है
बड़े शहरों की लाइफ को फास्ट कहने वालों को
मैने जिंदगी को ट्रैफिक में रेंगते देखा है